समाज के हित के लिए कंस प्रवृत्तियों का विनाश जरूरी
देवास। समाज हित के लिए कंस प्रवृत्तियों का विनाश जरूरी होता है। अन्याय को कभी सहन नहीं करना चाहिए, हमेशा उसका उन्मूलन करना चाहिए। यह विचार श्रीराम द्वारा में भागवत कथा के अंतर्गत महंत स्वामी रामनारायणजी ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हर युग में कंस और पूतना जैसी दुष्ट प्रवृत्तियां जन्म लेती हैं, लेकिन उनके विनाश के लिए ईश्वर भी अवतार लेते हैं।उन्होंने कहा कि हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। कथा को अपने व्यवहार में शामिल करें और दूसरों को भी उसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित करें। प्रतिदिन नियमपूर्वक ईश्वर आराधना करें। यदि हमें सब सुख नहीं है तो सब दुख भी नहीं है, इसलिए समभाव रखते हुए जीवन व्यतीत करें। अनंत चतुर्दशी की कथा भी सुनाई गई। राजा परीक्षित की शंकाओं का विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से शुकदेव मुनि ने समाधान किया। व्यासपीठ का पूजन समस्त भक्त मंडलों ने प्रातःकाल किया। रामस्नेही सत्संग मंडल ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। बुधवार को कथा का समापन होगा और रात्रि जागरण होगा। कथा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्म लाभ लिया।