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देवास में स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर सख्तीसुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के पालन हेतु स्कूल संचालकों की बैठक आयोजित

देवास। जिले में संचालित स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह सतर्क हो गया है। कलेक्टर ऋ तुराज सिंह के निर्देश पर सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम देवास में जिले के समस्त स्कूल संचालकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सडक़ सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, तथा सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के पालन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में एएसपी (यातायात) एच.एन. बॉथम, जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती निशा चौहान, थाना प्रभारी यातायात पवन बागड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी हरिसिंह भारती एवं विभिन्न स्कूलों के संचालक उपस्थित रहे।
सख्त निर्देश सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
बैठक में स्कूल संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने स्कूल में संचालित होने वाले बस वाहनों का संचालन माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार ही करें। यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक स्कूल बस में निम्नलिखित व्यवस्थाएं अनिवार्य रूप से क्रियाशील स्थिति में उपलब्ध हों इसके साथ ही आपातकालीन द्वार, अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर), फर्स्ट एड बॉक्स, व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस, स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरा इसके अतिरिक्त, बसों की पंजीयन, फिटनेस, बीमा, परमिट, टैक्स और पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र) भी पूरी तरह वैध और अद्यतन होनी चाहिए।
महिला अटेंडर अनिवार्य, चालक का अनुभव भी देखा जाएगा
यदि किसी स्कूल बस में छात्राओं का परिवहन होता है, तो उसमें महिला अटेंडर की नियुक्ति अनिवार्य है। साथ ही, बस चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन एवं मेडिकल परीक्षण अनिवार्य किया गया है। चालक की न्यूनतम ड्राइविंग अनुभव सीमा 5 वर्ष निर्धारित की गई है। यह भी निर्देश दिया गया कि स्कूल प्रबंधन समय-समय पर अपने चालक और परिचालकों को फायर सेफ्टी और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दें।
राहवीर योजना और साइबर क्राइम पर जानकारी
बैठक में उपस्थित स्कूल संचालकों को मध्यप्रदेश शासन की राहवीर योजना की भी जानकारी दी गई। इस योजना के अंतर्गत सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्ति को स्वर्णिम समय में अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 25,000 नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। साथ ही साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्कूल संचालकों को इंटरनेट सुरक्षा, बच्चों के ऑनलाइन व्यवहार और साइबर अपराध से बचाव के उपायों की जानकारी भी दी गई।
मानसून से पहले बसों की जांच जरूरी
जुलाई में संभावित मानसून सीजऩ को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी बसों की स्थिति जांच लें और उन्हें बारिश के अनुकूल तैयार करें। ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति में पुल-पुलियों से वाहन पार नहीं कराएं और सतर्कता बरतें।
7 दिन में दें पूरी जानकारी, नहीं तो कार्रवाई तय
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सभी स्कूल अपने यहां संचालित सभी बसों की विस्तृत जानकारी निर्धारित प्रारूप में 7 दिनों के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि नियम विरुद्ध संचालित स्कूल बसों के विरुद्ध सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। यदि किसी भी बस में आवश्यक दस्तावेज नहीं पाए गए या वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के विपरीत संचालित होती मिली, तो चालान, जप्ती व अन्य वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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