CPR प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ अमलतास अस्पताल मेंआपका शहरइंदौरउज्जैनदेवासभोपालमध्यप्रदेशमहाराष्ट्र

अमलतास के सुप्रसिद्ध स्पाइन सर्जन द्वारा जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर दी मरीज को नई जिंदगी, कमर के निचले हिस्से में चमत्कारी सुधार: डॉक्टरों ने अद्वितीय उपचार से बदल दी मरीज की ज़िंदगी!

 देवास – अमलतास अस्पताल  के सुप्रसिद्ध रीड़ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्पित उपाध्याय ने एक और बार अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए सबसे जटिल ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है। लालू (उम्र 30 वर्ष) , जो 15 फीट नीचे पीठ के बल गिरने से रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट के शिकार हो गए थे। इस गंभीर चोट की वजह से मरीज के कमर का निचला हिस्सा पूरी तरह से काम करना बंद कर चुका था। प्रारंभिक इलाज के लिए उन्हें कई निजी अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन कहीं भी डॉक्टरो ने ऑपरेशन करने की हिम्मत नहीं जुटाई । निराश होकर, उनके परिजनों ने आखिरकार उन्हें अमलतास अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर  द्वारा तुरंत जाँच के लिये भेजा गया | जाँच में पाया गया कि लालू की रीढ़ की हड्डी का निचला मुख्य भाग (L2) पूरी तरह फ्रैक्चर हो चूका था । जिससे कमर से  निचले हिस्से दोनों पेरो तक  किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं थी | चिकित्सक द्द्वारा तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया। हमारे विशेषज्ञों की अनुभवी टीम ने लगभग 3 घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन को सफलता पूर्वक पूरा किया। डॉक्टर द्वारा बताया, “ऑपरेशन बहुत ही जटिल था, लेकिन हमारी अनुभवी टीम की कुशलता से सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सका।  एवं  इस प्रकार की स्पाइन सर्जरी को जल्द से जल्द करना आवश्यक होता है। इस सफल सर्जरी डॉ. अर्पित उपाध्याय , डॉ. रवि पटेल , एनेस्थीसिया डॉ. ज्योति , डॉ. प्रिया एवं ओटी टेक्नीशियन अनुज सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | ऑपरेशन के 15 दिन बाद, लालू की कमर का निचला हिस्सा पूरी तरह से काम करने लगा। अब स्वस्थ है  यह स्पाइन सर्जरी आयुष्मान योजना के अंतर्गत निशुल्क की गई, जिससे मरीज के परिवार को बड़ी राहत मिली।मरीज के परिजनों ने बताया, “यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। हम डॉक्टर अर्पित उपाध्याय और उनकी टीम के आभारी हैं जिन्होंने लालू की जान बचाई। अमलतास अस्पताल के चेयरमैन श्री मयंक राज सिंह भदौरिया जी द्वारा डॉक्टर अर्पित उपाध्याय और उनकी टीम को बधाई दी और कहा इसे अद्वितीय उपचार हमारे डॉक्टरों और हमारी टीम की उत्कृष्टता और समर्पण का प्रमाण है। हम सभी इस सफलता पर गर्वित हैं और आगे भी ऐसे ही समर्पण के साथ मरीजों की सेवा करते रहेंगे।

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