शिवराज्याभिषेक दिवस पर शिवाजी महाराज की विचारधारा को समर्पित हुआ देवास, एकता, शौर्य और स्वाभिमान की ली गई शपथ

देवास। महान हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की स्मृति में शिवराज्याभिषेक दिवस शहर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन चंद्रशेखर आजाद स्मृति समिति एवं श्री शिव छत्रपति शिव राज्याभिषेक आयोजन समिति के संयुक्त बैनर तले किया गया। इस अवसर पर भोपाल चौराहा स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थल पर जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और समाजसेवियों ने एकत्र होकर शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
सांसद और इतिहासकारों ने रखे विचार
इस अवसर पर देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र के सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में छत्रपति शिवाजी महाराज को हिंदू साम्राज्य का प्रणेता बताते हुए कहा कि शिवाजी महाराज ने सिर्फ तलवार से नहीं, बल्कि संगठन और नीति से भी स्वराज की नींव रखी। आज जब देश को फिर एकजुटता, आत्मगौरव और राष्ट्रधर्म की ज़रूरत है, तब शिवाजी का विचार और नेतृत्व प्रेरणा देता है। वहीं इतिहासकार दिलीप सिंह जाधव ने अपने संबोधन में कहा शिवाजी महाराज ने धर्म, जाति और भाषा से ऊपर उठकर एक समरस और संगठित हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की। उनका राज्याभिषेक भारतीय इतिहास का वह स्वर्णिम क्षण है, जो आत्मसम्मान और स्वतंत्रता का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शिवाजी के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनें।
उपस्थित रहे अनेक गणमान्य
कार्यक्रम में पत्रकार अतुल बागलीकर, बाला पलसे, महेश मीठे, महेन्द्र तापकीर,समाजसेवी कीर्ति चौहान, अजय देशमुख, सहित समाज के प्रतिनिधि और शहर के अनेक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने शिवाजी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया।
युवाओं को दिया गया राष्ट्र निर्माण का संदेश
वक्ताओं ने विशेष रूप से युवाओं को शिवाजी के नेतृत्व, संगठन और कर्तव्य भावना से सीखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि जब युवा इतिहास को समझकर उसके मूल्यों को आत्मसात करेंगे, तभी भारत फिर से सांस्कृतिक और नैतिक महाशक्ति बन सकेगा।
समापन पर लिया गया सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थितजनों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के बताए मार्ग पर चलकर समाज में एकता, शौर्य और न्याय की स्थापना करेंगे।

