सौ बार जनम लेंगे, मो रफी का शताब्दी जन्मोत्सव मनाया

देवास। कहा जाता है कि समय-समय पर ईश्वर अपने दूतों को भेजता है, ऐसे ही आज से सौ साल पहले 24 दिसम्बर 1924 को ईश्वर ने अपने दूत के रूप में नेक दिल और सुर सम्राट मोहम्मद रफी को भेजा,इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं,क्योंकि तात्कालिक व आज के भी कई गायक उन्हें अपना भगवान मानते हैं। रफी का नाम फिल्मी दुनिया के बड़े फनकारों में शुमार है। आज 24 दिसंबर 24 के दिन को खास बनाते हुए संस्था शब्द सरगम द्वारा कर्मदीप स्कूल के प्रांगण में रफी का शताब्दी जन्मोत्सव मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर समाज सेवी जितेन्द्र वर्मा,संस्था मार्गदर्शक दीपक कर्पे,विवेक ढ़वले,संस्था अध्यक्ष संजय सरल ने माँ सरस्वती तथा रफी के चित्रों पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर रफी का 100 वाँ जन्मदिवस केक काटकर एवं उनके गीतों की एक से बढ़कर एक परफॉर्मेंस के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर गायक- दीपक कर्पे,विवेक ढवले,संजय सरल,मनीष उपाध्याय,दुर्गेश यादव,अमोल मोरे, विनोद चौहान,अभिषेक शर्मा,प्रीति चौधरी,वेदप्रकाश चौरसिया,अजय दायमा, मुस्कान राठौर,ऋषि उपाध्याय,महेश भावलकर,विप्लव उपाध्याय, जयकुमार शर्मा , मंदार मुले,महबूब शेख आदि थे। कार्यक्रम का सफल दुर्गेश यादव तथा आभार कर्मदीप स्कूल के प्रबंधक महबूब शेख ने माना।

