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भाईदूज पर रखी एमआईसी बैठक से मचा बवाल, निगम में हिटलरशाही के आरोप, अब परिषद बैठक पर भी उठ सकते है सवाल…!

देवास। त्योहारों की खुशियों के बीच देवास नगर निगम एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है। दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव के बीच भाईदूज के दिन निगम प्रशासन ने एमआईसी की बैठक रख दी, नतीजा यह रहा कि आधे से ज्यादा सदस्य बैठक में पहुंचे ही नहीं और बैठक स्थगित करनी पड़ी। सूत्रों के अनुसार, कई सदस्यों ने इस निर्णय को जानबूझकर की गई राजनीति बताया है। उनका कहना है कि त्योहार के दिन मीटिंग रखकर निगम प्रशासन ने न केवल परंपरा तोड़ी बल्कि सदस्यों की भावनाओं की भी अनदेखी की। एक सदस्य ने तंज कसते हुए कहा निगम शायद त्योहार की मिठास में कड़वाहट घोलना चाहता है।
इसी बीच परिषद की बैठक की तारीख 29 अक्टूबर तय किए जाने पर भी एमआईसी में असंतोष की लहर दौड़ गई है। सदस्यों का कहना है कि यह निर्णय बिना परामर्श के लिया गया। एक वरिष्ठ सदस्य ने तो खुलकर कहा अब देवास निगम में लोकतंत्र नहीं, आदेश तंत्र चल रहा है। सदस्य केवल नाम के हैं, फैसले ऊपर से तय हो रहे हैं। वही कुछ पार्षदों के साथ एमअयसी सदस्यों का कहना है कि निगम आयुक्त दलीप कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद शहर की स्वच्छता को लेकर कुछ सख्त कदम जरूर उठाए थे, लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव में वही रफ्तार धीमी पड़ गई। अब हालात यह हैं कि वे पार्षदों से औपचारिक परिचय तक पूरा नहीं कर पाए हैं, मगर परिषद की तारीख फाइनल करने में तत्परता दिखाई गई। निगम के अंदरखाने यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि कमिश्नर अब प्रशासनिक अधिकारी नहीं, राजनीतिक समीकरणों के खिलाड़ी बन चुके हैं।
राजनीतिक हलकों में निगम के हालात को लेकर जमकर चर्चाएँ हो रही हैं। कई लोगों का कहना है कि देवास नगर निगम में हिटलरशाही का दौर चल रहा है, जहाँ निर्णय पहले तय होते हैं और जानकारी बाद में दी जाती है। इसी बीच एक और विवाद सामने आया है — महापौर द्वारा महिला स्वावलंबन के नाम पर दो महिला पार्षदों को एमआईसी में शामिल करना उस समय तो महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताया गया था, लेकिन वही महापौर भाईदूज जैसे महिला-प्रधान पर्व पर एमआईसी बैठक बुलाना कैसे भूल गईं, यह सवाल अब चर्चा का विषय है। तीन एमआईसी सदस्यों ने परिषद बैठक की प्रक्रिया पर खुलकर असहमति जताई है। एक सदस्य ने तो यहां तक कहा महापौर ने परिषद की बैठक ऐसे रख ली मानो पार्षदों का अस्तित्व ही नहीं। हम इस अपमान को परिषद में मुद्दा बनाएंगे।
वहीं इस विषय पर जब महापौर पति से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा — ऐसा कोई गंभीर विषय नहीं है। एमआईसी बैठक सामान्य रूप से परिषद सात दिन पहले रखी जाती है। संभवत: तिथि देखने में त्रुटि हुई होगी। भाईदूज के दिन कुछ महिला सदस्यों के अनुरोध पर बैठक स्थगित की गई है। परिषद बैठक 29 अक्टूबर को नियमानुसार होगी और एमआईसी बैठक का होना अनिवार्य नहीं है। अब देवास की निगाहें 29 अक्टूबर की परिषद बैठक पर हैं — देखना यह होगा कि दीपावली की मिठास बचती है या नाराजग़ी की चिंगारी निगम की दीवारों में और आग लगा देती है।

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