गैस शव दाव गृह में हुअा पहला अंतिम संस्कार, मृतक का पोता बोला- पर्यावरण बचाने के लिए जरूरी है उपयोग

देवास। देवास के शमशान में गैस चलित शवदाह का प्लांट लगाया गया है, लेकिन इसका उपयोग अभी तक नहीं किया गया था। गुरुवार को महाकाल कालोनी निवासी व्यक्ति के परिवार से चर्चा कर मनाने के बाद यहां पहला अंतिम संस्कार मांगीलाल के शव का किया गया।
गुरुवार को शाम होने से पूर्व स्वजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के लिए पंचत्व तैयार था, लेकिन मृतक को गैस शवदाह में अंतिम क्रिया शुरू करने से पहले स्वजन से पूछा गया। उसके बाद ही अंतिम क्रिया की गई। मृतक मांगीलाल कुमावत के पोते योगेश ने बताया कि पर्यावरण में बदलाव होता ही है और परिवर्तन जरूरी है। गैस शवदाह के विषय में सिर्फ टीवी सीरियल में सुना था। आज ये डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। दादाजी मांगीलाल का यहां शव दाह किया है। लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए उपयोग करना ही चाहिए।
लकड़ी का उपयोग कम होगा-
शवदाह को संचनलकर्ता ने बताया कि काफी कम फीस पर शवदाह किया जा रहा है। शव को पहले पूरी तरह कवर किया जाता है उसके बाद शवदाहगृह में अंतिम संस्कार किया जाता है। ये प्रोसेस करीबन 1 से 1.30 घण्टे की है, जिसके बाद अस्थियां परिजनों को दी जाती है। यह शुरू होने से पर्यावरण संरक्षण होगा और लकड़ी पर निर्भरता भी खत्म होगी।

शवदाह की ली पहले अनुमति-
गैस चलित शवदाहगृह का प्लांट लगाया जा चुका। बीच में इसका ट्रायल भी किया गया था। लेकिन इसे शुरू नहीं किया गया। अब बाद में निगमकर्मियों ने बात कर इसमें शवदाह की अनुमति दी। जिसके बाद आज पहला शवदाह किया गया है।
क्या होगा इससे-
पर्यावरण का होगा गैस चलित शवदाह से बचाव। लकड़ियां नहीं होंगी उपयोग। तो घी शक्कर कंडे का होगा अन्य जगह उपयोग। लोग ज्यादा से ज्यादा करें इसका उपयोग इसलिए नॉमिनल रेट भी गैस चलित शवदाहगृह के रखे गए है।

