1400 दिन से अन्न का त्याग कर नर्मदा जल पर जीवित रहने वाले दादा गुरू महाराज पहुंचे माता टेकरी, किए दर्शन

देवास। विगत सात वर्ष से केवल नर्मदा जल पर आश्रित रहने दादा गुरू महाराज शारदीय नवरात्रि महापर्व के दौरान माता टेकरी पर दर्शन करने पहुंचे। राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी गौ रक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि सांगते भैया ने बताया कि दादा गुरू महाराज बुधवार शाम को देवास पहुंचे। जहां उन्होंने माँ तुलजा भवानी-माँ चामुण्डा के दर्शन किए। तत्पश्चात वे ओंकारेश्वर के लिए रवाना हो गए। गुरू महाराज ने उनके शिष्यों को आशीर्वाद भी दिया। श्री सांगते ने बताया कि जीवनदायिनी कहे जाने वाली नर्मदा नदी के संरक्षण संवर्धन के लिए एक तपस्वी दादा गुरु पिछले चार सालों से केवल नर्मदा जल पर आश्रित है। 1400 दिन से उन्होंने अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया है। दिन भर में केवल 1 गिलास नर्मदा जल ही पीते हैं। इसके बाद भी ना तो उन्हें कमजोरी आई है ना थकावट होती है। बल्कि दिन पर दिन और ऊर्जावान होते जा रहे हैं। वाणी में ओज चेहरे पर तेज भी बढ़ता जा रहा है। नदियों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए निरंतर यात्राएं कर रहे हैं।
मां नर्मदा केवल नदी नहीं है वे भगवती हैं- दादा गुरू महाराज
नर्मदा की जल पर जीवित रहने वाले दादा गुरु पिछले 18 वर्षो से नर्मदा उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। वनों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। गायों कि संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं। गुरू महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए काम करना होगा, लोग अगर मिट्टी से जुड़े रहेंगे, प्रकृति से जुड़े रहेंगे तो हमारी पीढिय़ां सुरक्षित होगी। नहीं तो गांव में नर्मदा का जल टैंकर से और गंगा का जल ट्रेन से मंगवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा केवल नदी नहीं है वे भगवती हैं, शक्ति हैं, उनके पथ पर चलने से लोग साधक हो जाते हैं। उनके किनारे पर बैठने से उपासक हो जाती है। मां नर्मदा की उन पर ऐसी कृपा हुई है कि उन्होंने अन्न का त्याग कर दिया है। जिस तरह लोग अन्न को खाकर ऊर्जा लेते हैं इस तरह वह प्रकृति और मिट्टी से जुडक़र ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इस दौरान गुरु महाराज की सेवा में पार्षद रुपेश वर्मा, अभिषेक बच्चन, सतीश जी भाई साहब, लक्की सांगते आदि भक्तजन उपस्थित थे।

