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कॉलेजों में बिगड़ते परीक्षा परिणामों की जिम्मेदारी ले सरकार

देवास। नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद कॉलेजों में छात्रों को बड़े लेवल पर सप्लीमेंट्री और फेल किया जा रहा है। जिसके खिलाफ में सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार को विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन पर जाकर परीक्षा परिणामों की गड़बडिय़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। और मांग की गई कि जिन छात्रों के परीक्षा परिणाम बिगड़े हैं। उन्हें तुरंत ठीक किया जाए। और छात्रों की कॉपियों का निशुल्क पुन: मूल्यांकन कराया जाए। विदित हो कि जब से कॉलेजों में  नई शिक्षा नीति लागू की गई है। तब से ही छात्रों के परीक्षा परिणाम लगातार खराब आ रहे हैं। सरकार ने आनन-फानन में नई शिक्षा नीति तो लागू कर दी लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत जो विषय छात्रों को दिए जा रहे हैं। उनकी किताबें तक नहीं छपी हैं, साथ ही कई सारे विषयों के प्रोफ़ेसर भी कॉलेज में नहीं हैं ।तब सवाल उठता है कि बिना किताबों और शिक्षकों के छात्रों के परीक्षा परिणाम कैसे सही आ सकते हैं। छात्रों ने इन सारी समस्याओं की जड़ नई शिक्षा नीति को  बताते हुऐ इसे रद्द करने की मांग भी यूनिवर्सिटी के सामने रखी। साथ ही छात्रों को तकनीकी समस्याओं के लिए बार-बार यूनिवर्सिटी के चक्कर न लगाना पड़े इसके लिए छात्रों ने मांग की यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉलेजों में तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए यूनिवर्सिटी सब सेंटर खोला जाए। प्रदर्शन के बाद छात्र आंदोलन की जीत हुई कुलसचिव ने यूनिवर्सिटी से संबंधित अग्रणी महाविद्यालयों में जैसे केपी कॉलेज देवास, स्वामी विवेकानंद कॉलेज नीमच, बालकृष्ण शर्मा नवीन कॉलेज शाजापुर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम में यूनिवर्सिटी सब सेंटर खोलने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही जो छात्र प्रदर्शन में शामिल हुए उन छात्रों की 22 दिसंबर को निशुल्क कॉफी दिखाई जाएगी और यदि उन में गड़बड़ी है तो उनका पुन: मूल्यांकन कराया जाएगा। प्रदर्शन में सात कॉलेजों के छात्र शामिल हुए।

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