शिक्षा के साथ संस्कार भी अति आवश्यक

देवास। दिगंबर जैन समाज देवास के नवनिर्मित जिनालय महावीर धाम पर हो रहे पंच कल्याणक महामहोत्सव के जन्म कल्याण दिवस के अवसर पर मुनिश्री 108 श्री निष्पक्ष सागर एवं मुनि श्री 108 निस्पृह सागर जी महाराज जी ने बताया कि भगवान का जन्म कैसे होता है, मुनि श्री ने बताया कि मां कैसी होनी चाहिए एक बच्चे के निर्माण में माता पिता की अहम भूमिका एक मां सिर्फ बच्चे को जन्म ही नहीं देती है बल्कि बच्चे को पाषाण से भगवान बनाने तक के सारे संस्कार देती है। पंचकल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन आज प्रातः 6.14 पर भगवान का जन्म हुआ, पूजन अभिषेक के बाद भगवान को सौधर्म इंद्र एवं अन्य इंद्रों द्वारा ऐरावत हाथी पर घोड़े बैंड बाजे के साथ नगर भ्रमण कराया गया उसके बाद भगवान को पांडव शिला पर विराजमान कर सौधर्म इंद्र, ईशान इंद्र, महेंद्र कुबेर आदि के साथ सभी इंद्रों द्वारा भगवान का जन्माभिषेक किया।

